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शनिवार, 19 सितंबर 2009

छोटी सी बात

छोटी सी बात का अफसाना बना दिया  
अपना था तुम्हारा, बेगाना बना दिया  
अधेंरे में पल रहा था सपनों का भ्रम  
रोशनी ने उनको पागल बना दिया  
उम्र बहुत लम्बी है पर समय बहुत कम  
आकाश को आंकाक्षाओं की सीमा बना दिया  
रूक तो मैं जाता पर मंजिल थी बहुत दूर  
एक हमसफर ने मुझको अपना बना लिया  
शुक्रिया तो दे दो रूखसती से पहले  
एक लम्हें से तुमने जीवन चुरा लिया






:)

4 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत खुब, इस लाजवाब रचना के लिए बहुत-बहुत बधाई। नवरात्र की हार्दिक शुभकामनायें.......

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  2. यह पंक्ति मन मोह गयी
    एक लम्हें से तुमने जीवन चुरा लिया
    प्यारी रचना के लिये बधाई

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  3. एक लम्हें से तुमने जीवन चुरा लिया

    DIL KO CHOOTI HUYEE NIKAL GAYEE YEH RACHNA ..... LAJAWAAB

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  4. एक लम्हे से तुमने जीवन चुरा लिया। ये पंक्तियॉ मेरे दिल को छू गयी। क्योंकि मेरे साथ ये घटना घटित हुयी है ।

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